LOADING

Type to search

BLOG HINDI NEWS

रंगत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के सारे डाक्टर मिटींग मे और मरीज उनके इंतजार मे , अस्पताल परिसर बिना एक भी डाक्टर के।

Pankaj Singh July 23, 2022
Share

देखा जाए तो रंगत के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अक्सर अपने सुर्खियों मे रहता है।  चाहे मामला एक – आध साल पहले उस छोटे से बच्चे का देहांत का हो जो खाली ओक्सिजन सिलींडर के वजह से होने का जताया गया , जिसमे लापरवाही देखा गया ।  या कुछ दिन पहले निंबुतला का एक महिला का दुर्घटना से देहांद का हो ,  जहां उस महिला का मृत सरीर अस्पताल मे होते हुए भी असपताल परिसर मे ईद का जश्न मनाया गया (ये जानकारी सुत्रो से मिला है) जो  मनवता को झकझोर कर रख देता है।

बाकी जो बचा, जैसे दवाइयों की कमी का सिकायत , मसिनो का काम न करना, विशेषज्ञों की कमी , येहां तक की किसी वरिष्ठ डाक्टर का न होना इन सब मुद्दो का तो रंगत निवासी आदी भी हो चुके है।  लेकिन हाल मे इस अस्पताल का एक और लापरवाही नजर आया।

Patient

दिनांक  23/07/2022   सुबह के समय अस्पताल के सारे डाक्टर किसी मिटींग मे एक साथ चले गए , वहां बहुत सारे मरीज थे जो अपना इलाज के लिए डाक्टर का इंतजार कर रहे थे।  लेकिन अस्पताल मे उस समय एक भी डाक्टर नही था।  जब हमने वहां बैठे एक कर्मचारी से डाक्टर के बारे मे पुछा तो उसने कहा “डाक्टर बाहर गए है 5 मिनट मे आ जाएंगे ” , जब हमने पुछा की सारे डाक्टर एक साथ चले गए तो उसने हां मे जवाब दिया।  फिर हमने कहा की हम मिडीया से है , कैसे इतने सारे मरीज अस्पताल मे होते हुए सब डाक्टर एक साथ परिसर छोड़कर जा सकते है!!? , कोइ तो प्रभार मे होना चाहिए।  जैसे ही उसे मिडीया के बारे मे पता चला वो भाग कर कहीं गया फिर हमने देखा की लगभग   15 मिनट बाद एक डाक्टर अस्पताल मे आनन फानन मे पहुंचता है।

माना जाता है की चिकित्सा क्षेत्र का कार्य एक नोबल कार्य है , उसमे जिम्मेदारी भी बहुत अधिक होता है और हम भी मानते है की चिकित्सक का कार्य कठिनाई भरा होता है।  लेकिन जिस तरह से रंगत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र  मे कुछ सालो से लोगो ने लापरवाही देखा है उससे लोगो का भरोसा धीरे धीरे इस अस्पताल से उठता जा रहा है।  लेकिन रंगत मे येही एक अस्पताल होने के कारण लोगो को इलाज के लिए येहीं आना पड़ता है।

Doctor Chamber

लोगो की माने तो रंगत अस्पताल का एक दौर ऐसा भी था जब अग्रीम सामग्रियों का अभाव होते हुए भी डाक्टर और कर्मचारीयों के मेहनत से लोगो का इलाज किया जाता था।  उस दौर के डाक्टरो के नाम आज भी लोगो के जुबां पर है।  माना जाता है की 90  की दसक मे येही अस्पताल लकड़ीयों के होते हुए भी तब वहां छोटे मोटे शल्‍यचिकित्‍सा भी किये जाते थे।  ये बात रंगत के सहायक आयुक्त के सामने जन सुनवाई के दौरान भी रखा गया। पुछा गया की आज हालात इतने बुरे क्यों है। लेकिन इसपर कोइ ठोस स्पष्टीकरण किसी भी तरफ से नही मिला।

आज के दौर मे येही अस्पताल का भवन पक्का है , अग्रिम मसिने और सामग्री है लेकिन आज येही अस्पताल अपने लापरवाही के वजह से लोगो का भरोसा खोता नजर आ रहा है।

इस कमी को सुधारना बहुत जरुरी है।  हर कर्मचारी को अपना जिम्मेदारी समझना चाहिए और अपना कर्तव्य इमांदारी से निभाना चाहिए।  माना जाता है की एक डाक्टर का पहला कर्तव्य लोगो का इलाज करना है।  बाकी सब दुसरे स्थान पर आता है , चाहे वो कोइ मिटींग हो , जश्न हो या कुछ और हो।

Tags:

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *