पहाड़गांव पुलिस ने करोड़ों की जबरन वसूली करने वाले सेक्सटॉर्शन रैकेट का भंडाफोड़ किया

पहाड़गांव पुलिस स्टेशन ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए अवैध मादक पदार्थ आपूर्ति और सेक्सटॉर्शन आपराधिक गिरोह का सफलतापूर्वक भंडाफोड़ किया।

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Report : Pankaj Singh

दिनाक 04 फरवरी 2025, पहाड़गांव पुलिस स्टेशन ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए अवैध मादक पदार्थ आपूर्ति और सेक्सटॉर्शन आपराधिक गिरोह का सफलतापूर्वक भंडाफोड़ किया। विश्वसनीय खुफिया जानकारी के आधार पर की गई इस कार्रवाई में इन अवैध कामों में लिप्त कई व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया।

6 जनवरी, 2025 को, इंस्पेक्टर मोहम्मद इलियास, एस.एच.ओ पी.एस पहाड़गांव के नेतृत्व में एक टीम जिसमें सब-इंस्पेक्टर मनीष नारायण और पुलिस कांस्टेबल राहुल कुमार मौर्य, शिव कुमार और रीना शामिल थे ने कामराज नगर में एक रिसॉर्ट के पास दो व्यक्तियों नाज़नीन खान (34 years) और मेनका सिंह (24 years) को रोका। मेनका सिंह की तलाशी के परिणामस्वरूप लगभग 1 ग्राम मेथमफेटामाइन जब्त किया गया। यह ऑपरेशन श्री विकास स्वामी, आई.पी.एस, सहायक पुलिस अधीक्षक (दक्षिण अंडमान) की देखरेख में किया गया था, और नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एन.डी.पीएस) अधिनियम, 1985 के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया था। सब-इंस्पेक्टर शिवहरे को मामले की आगे की जांच करने का काम सौंपा गया था।

जांच के दौरान, तीन अतिरिक्त संदिग्धों को पकड़ा गया: डॉ. जावेद मरीकर (35 years), शशांक पुरिया (37 years), और सम्राट (33 years), जो अवैध ड्रग सप्लाई नेटवर्क में शामिल पाए गए। तकनीकी विश्लेषण से पता चला कि नाज़नीन खान ने मेनका सिंह को प्रलोभन देकर पीड़ित को झूठे ड्रग केस में फंसाने की योजना बनाकर पीड़ित से जबरन वसूली करने की आपराधिक साजिश रची थी।

इन लाइनों पर जांच से डॉ. जाविद मरीकर और नाज़नीन खान द्वारा संचालित एक बड़े सेक्सटॉर्शन रैकेट का पर्दाफाश हुआ, जो छत्तीसगढ़ और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह सहित कई क्षेत्रों में हाई-प्रोफाइल व्यक्तियों को निशाना बनाता था। यह गिरोह पीड़ितों को बलात्कार और छेड़छाड़ सहित आपराधिक अपराधों के आरोप का डर दिखाकर उनसे पैसे ऐंठता था।

जांच के परिणामस्वरूप, डॉ. जाविद मारीकर, शशांक पुरिया, नाज़नीन खान और मेनका सिंह को 31/01/25 और 01/02/25 को उचित कानूनी प्रक्रिया के अनुसार गिरफ्तार किया गया। जांच के दौरान, यह पता चला कि सिंडिकेट कई व्यक्तियों से जबरन वसूली के रैकेट में शामिल है। इनमें से कुछ व्यक्ति उनके शिकार बन चुके हैं और उन्होंने सिंडिकेट को इन जबरन वसूली के प्रयासों में करोड़ों की रकम दी है। सिंडिकेट खास तौर पर अमीर और सामाजिक रूप से प्रभावशाली लोगों जैसे व्यवसायी, राजनेता आदि को निशाना बनाता था ताकि वे पुलिस को इसकी सूचना न दें और उनसे आसानी से वसूली की जा सके।

इस मामले में जांच जारी है। इस पूरे ऑपरेशन की निगरानी श्री विकास स्वामी, आई.पी.एस, एस.डी.पी.ओ साउथ अंडमान द्वारा की गई।

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