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विज्ञापन तो बहाना है, धार्मिक ठेस पहुंचाना है |

Pankaj Singh September 22, 2021
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संसार मे अनेको धर्म है, और हर धर्म के अपने ही रिती रिवाज और मन्यता है | ये रिती रिवाज पुराने सभ्याता मे बनाए गए है, जो कि आज भी चल रहे है. अगर कुछ रिवाजो को बिना समझे देखे तो नकरातमक नजर आते है, जो कि आज के सेकुलर समाज मे ठीक नही बैठता | लेकिन क्या सिर्फ सामने से देखने पर हमे उस रिवाज का ज्ञान हो जाता है?

क्या हमे किसी भी रिती रिवाज पर बोलने से पहले उसे जानने और समझने कि आवस्याकता नही है?

आपने बहुत बार देखा होगा की कितने ही लोग किसी भी रिवाज का बुराई करने लग जाते है, कुछ कंपनियां उन रिवाजो पर एक सेकुलर विज्ञापन बनाकर अपने आप को श्रेस्ठ समझने लगते है | इन सभी करणो से कितने ही लोगो को धारमीक भवनाओ का ठेस पहुंचता है, क्योंकि वो कंपनियां उन रिती रिवाजो को बिना जाने समझे गलत साबीत करने मे लग जाते है |

इस बार भी कुछ ऐसा ही हुआ, “मन्यवर” नाम कि कंपनी एक विज्ञापन शूट किया जिसमे “कन्यादान” के रिवाज को गलत साबित करने का प्रयास किया गया | जिसकि वजह से ट्वीटर पर ” #Boycott_Manyavar   ” ट्रेंड करने लगा | इस विज्ञापन मे आलिया भट् ने अभिनय किया है |

सायद उस विज्ञापन के लेखक को हिंदु रिती रिवाजो क ज्यादा ज्ञान नही है | चलिये हम उन्हे बताते है कि हिंदु परंपरा मे कन्या दान का क्या महत्व है और क्यों किया जात है |

हिंदु धरम मे कन्या दान को सबसे बड़ा दान माना जाता है | इसमे माना जाता है कि जो माता पिता बरसो से अपने बेटी को प्यार और सुरछा के साथ पाला, वो उस बेटी को विवाह के समय एक अंजान आदमी को दान करता है | और वो अदमी उसके बाद उस बेटी क पती बन जाता है | हिंदु धरम मे माना जाता है कि माता पिता अपने बेटी का कन्यादान के साथ ही उस बेटी को एक नये जीवन और खुशियों का आसिरवाद भी दे्ते है, जो कि किसी भी महिला के जिवन का सबसे बड़ा पल होता है |

उन कंपनियों और संगठन को हमारा ये संदेस है कि, कभी कुछ करने और बोलने से पहले उन चिजो के बारे मे जरूर जान ले |

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